Arya Samaj was founded by Swami Dayanand Saraswati in the year 1875 in Bombay that is now known as Mumbai to get rid of social evils of Hindu society. Arya Samaj is a bona fide Hindu-Vedic organization. It is non-denominational authentic Hindu-Vedic religious organization dedicated to remove superstition, orthodoxy and social evils such as un-touchability etc., from society. It is to propagate true pristine knowledge enshrined in Vedas. To educate women and downtrodden of society, Arya Samaj opened many educational institutions such as schools, colleges, technical institutions such as medical and engineering colleges and universities. It encouraged Hindu interdenominational marriages and also widow remarriages. Arya Samaj is not a religion or new sect in Hinduism, but is a social reform movement.
SHANTI YAGYA
After the funeral, the relatives and relatives who work together with the society, make the yagya is called Shraddha in Lokachar. Those good deeds make the world as good, they are called Shanti Yagya. The karma that comes with joy, enthusiasm, fearlessness, is called kriya yagya. After death, the name of Kriya Home, etc., to be done to tolerate the sufferings of the sufferer, is called Shanti Yagya.
आचार्य वेदव्रत शास्त्री
वेदवाचस्पति
क्रांतिकारी व वैदिक प्रवक्ता
दयानन्द ब्रह्मा महाविद्यालय हिसार हरियाणा (भारत)
ARYA SAMAJ MANDIR - PANDIT JI, PATNA
विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, वेदारम्भ संस्कार, अंत्येष्टि, शांति यज्ञ, मुंडन, यज्ञोपवित्र अदि सोलहो संस्कार वैदिक रीती से करवाने के लिये संपर्क करें । आर्य समाज विवाह पण्डित जी द्वारा वैदिक मन्त्रों से हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न कराया जाता है जिसमें पूजा हवन सप्तपदी हृदय स्पर्श ध्रुव-दर्शन सिन्दूर आशीर्वाद आदि रस्में करायी जाती हैं विवाह संस्कार के दौरान फोटो खीचें जाते हैं जो विवाह का दस्तावेजी साक्ष्य होता है विवाह सम्पन्न होने के पश्चात् मन्दिर की ओर से आर्य समाज विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है आर्य समाज द्वारा प्रदान किया गया विवाह प्रमाण पत्र एक विधिक पति पत्नी होने का साक्ष्य होता है जो पूरी तरह वैध और विधिक होता है तथा जो माननीय उच्चतम न्यायलय एवं उच्च न्यायालय द्वारा विधि मान्य है|
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